Question Paper about Parth

 1. केशव की बहन का नाम क्या था?

उत्तर: केशव की बहन का नाम श्यामा था।


2. चिड़िया अंडे को सेना क्यों छोड़ दिया था?

उत्तर: चिड़िया के अंडे को यदि कोई दूसरा इंसान या जानवर छू ले तो वह उसको सेती नहीं है।


3. अंडा कितने बजे टूटा था?

उत्तर: अंडा करीब 4:00 बजे टूटा था।


4. चिड़िया ने कितने अंडे दिए थे?

उत्तर: चिड़िया ने तीन अंडे दिए थे।


5. कहानी ‘नादान दोस्त‘ के लेखक कौन हैं?

उत्तर: कहानी ‘नादान दोस्त‘ के लेखक मुंशी प्रेमचंद जी हैं।


6. श्यामा क्यों रोने लगी थी?

उत्तर: केशव ने श्यामा को अंडा देखने नहीं दिया तो यह बात श्यामा को इतनी बुरी लगी कि वह रोने लगी।


7. केशव को देखते ही चिड़िया क्यों उड़ गई थी?

उत्तर: केशव कार्निस पर चढ़ा तो चिड़िया केशव को देखकर डर गई और अपने बच्चों को छोड़ कर उड़ गई।


8. केशव और उसकी बहन के सामने चारे की क्या मुसीबत आई थी?

उत्तर: बेचारी चिड़िया इतना दाना कहां से जुटा पाएगी वह तो भूखों मर जाएगी इसी सवाल से दोनों भाई -बहन परेशान थे।


9. कार्निस पर चढ़ने के लिए क्या व्यवस्था करनी पड़ी थी?

उत्तर: कार्निस पर चढ़ने के लिए केशव ने टेबल और नहाने की चौकी का इस्तेमाल किया था।


10. छाँव देने के लिए किस तरह की चांदनी का उपयोग केशव और उसकी बहन ने किया?

उत्तर: केशव और उसकी बहन ने कूड़ा फेंकने वाली टोकरी से चिड़िया के लिए छत और चांदनी की व्यवस्था की।


11. केशव और श्यामा के मन में कैसे -कैसे सवाल उठते थे?

उत्तर: दोनों भाई बहन के मन में काफी सारे सवाल उठते थे जैसे कि वह क्या खाते होंगे? अंडे कितने बड़े और किस रंग के होंगे? और घोंसला कैसा होगा?सबसे अहम सवाल यह था कि उनके अंडों को कैसे सुरक्षित रखा जाए।


12. श्यामा को अंडा ना दिखाने पर, केशव के साथ क्या करने को कहा था?

उत्तर: केशव ने जब श्यामा को अंडा दिखाने से मना कर दिया तो इस बात से नाराज होते हुए श्यामा बोली कि मैं सारी बात माँ को बता दूंगी।


13. माँ ने केशव को क्या समझाया?

उत्तर: माँ ने केशव को समझाया कि यदि चिड़िया के अंडे कोई अन्य व्यक्ति या जानवर छू ले तो वह उसको सेती नहीं हैं।


14. अंडे के लिए गद्दी किस चीज की बनाई गई थी?

उत्तर: केशव के मन में ख्याल आया कि अंडे बेचारे नीचे तिनके पर पड़े हुए हैं तो उसने श्यामा की पुरानी धोती के एक टुकड़े को कई तह कर के अंडों के लिए गद्दी बनाई थी।


15. केशव अपनी बहन के किस सवाल का जवाब नहीं दे पाया था?

उत्तर: श्यामा ने जब केशव से पूछा कि “चिड़िया अपने बच्चों को क्या खिलाएगी “? तो केशव इस सवाल का जवाब श्यामा को नहीं दे पाया था।


1. गांधी जी जब टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते थे, तब दिन में कितने मील तक पैदल चलते थे?

उत्तर: गांधी जी जब टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते थे, तब वे दिन में बयालीस (42) मील तक पैदल चलते थे।


2. गांधी जी साथियों को आड़े हाथ क्यों लेते थे?

उत्तर: गांधी जी जब रसोईघर या भंडार में, मकड़ी का जाला या गंदगी देखते थे, तब वे साथियों को आड़े हाथ लेते थे।


3. गांधी जी प्रतिदिन सुबह क्या किया करते थे?

उत्तर: गांधी जी प्रतिदिन सुबह, प्रार्थना करते, रसोईघर में सब्जी छीलते और अपने हाथ से चक्की पर आटा पिसते थे।


4. अंग्रेजी भाषा बोलने वालों को बापू ने क्या काम दिया था?

उत्तर: अंग्रेजी भाषा बोलने वालों को बापू ने गेहूँ बीनने का काम दिया था।


5. दक्षिण अफ्रीका के जेल में गांधी जी क्या करते थे?

उत्तर: दक्षिण अफ्रीका की जेल में गांधी जी, सैकड़ों कैदियों को दो बार का भोजन परोसने का कार्य करते थे।


6. दक्षिण अफ्रीका के बोअर- युद्ध के दौरान गांधी जी ने क्या किया?

उत्तर: दक्षिण अफ्रीका के बोअर- युद्ध के दौरान गांधी जी ने घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर एक-एक दिन में पच्चीस-पच्चीस मील ढोया था ताकि उन्हें सही इलाज मिल सके।


7. बापू का बिस्तर कौन लगाता था?

उत्तर: बापू अपना बिस्तर स्वयं लगाते थे। उन्हें अपना कार्य स्वयं करना पसंद था। वो अपने बिस्तर के साथ-साथ अन्य लोगों का बिस्तर भी लगाते और उठा देते थे।


8. गांधी जी को उनके कार्यकर्ता की कौन-सी बात पसंद नहीं आयी थी?

उत्तर: गांधी जी के एक दिन अस्वस्थ होने के कारण उनके कार्यकर्ताओं ने चक्की पर आटा पीसने का कार्य किया। गांधी जी को थकावट से बचाने के लिए, उन्होंने छोटे- बड़े सभी बर्तनों में कुएँ से पानी भर दिया। बापू का मानना था, कि शरीर जब तक बिल्कुल लाचार न हो, तब तक कोई भी उनका कार्य करे ये उन्हें बिलकुल भी पसंद नहीं था।


9. लैंप का तेल खत्म हो जाने पर गांधी जी क्या करते थे?

उत्तर: गाँधी जी को रात्रि में पत्र लिखने की आदत थी। जब कभी भी रात्रि में लैंप का तेल ख़त्म हो जाता था तो वो चन्द्रमा की रौशनी में बैठकर पत्र ख़त्म किया करते थे।


10. आश्रमवासी को गांधी जी ने काले चक्ते पड़े हुए, केले क्यों दिए?

उत्तर: आश्रमवासी को गांधी जी ने काले चक्ते पड़े हुए, केले इसीलिए दिएक्यूंकि उस आश्रमवासी का हाज़मा सही नहीं था। ये केले उसके कमज़ोर पाचन को, दुरुस्त करने में सहायक होगा।


11. भंडार में गांधी जी क्या- क्या काम करते थे?

उत्तर: गांधी जी ने कई वर्षों तक, आश्रम के भंडार का काम संभालने का कार्य किया। वो सवेरे की प्रार्थना के बाद रसोईघर में जाकर सब्ज़ियाँ छीलते थे। वो आश्रमवासियों को भोजन में, व्याप्त पौष्टिक गुणों और स्वच्छता के बारे में भी बताया करते थे। जैसे हमेशा सब्ज़ियों को धोकर ही, उनका इस्तेमाल करना चाहिए।


12. श्रीमती पोलक कमज़ोर क्यों हो गई थी? गांधी जी ने उनकी क्या सहायता की?

उत्तर: श्रीमती पोलक का बच्चा, उनका दूध पीना नहीं छोड़ रहा था। वह उन्हें रात में सोने भी नहीं देता था। परिणामस्वरूप वो बहुत कमज़ोर हो गई थी। गांधी जी श्रीमती पोलक के बच्चे को रात में, अपने बिस्तर पर सुलाते थे। वे अपने बिस्तर के नीचे एक बर्तन में पानी भरकर रखते थे। जिससे अगर बच्चे को प्यास लगे, तो वे उसे पानी पिला सके। एक पखवाड़े तक माँ से अलग सुलाने के बाद, बच्चे ने माँ का दूध पीना छोड़ दिया।


13. गोखले और गांधी जी के बीच हुए वाक्या को बताइए।

उत्तर: गोखले और गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में साथ ही ठहरे हुए थे। उन्होंने गोखले के दुपट्टे पर इस्त्री की। वे उनका बिस्तर लगाते थे। वे उन्हें भोजन परोसते और पैर दबाने को भी तैयार रहते थे। जबकि गोखले उन्हें बहुत मना करते थे।


14. कांग्रेस नेता ने गांधी जी को कौन-सा काम करने को बोला?

उत्तर: कांग्रेस के नेता ने गांधी जी को पत्रों के जवाब देने का कार्य सौंपा था। यह कार्य खत्म करने के बाद, गांधी जी ने उनकी कमीज की बातें लगाई और अन्य सेवा के कार्य किए।


15. गांधी जी ने इंग्लैंड के राजघरानों से क्या सीखा और उसका उपयोग कहाँ किया ?

उत्तर: गांधी जी ने इंग्लैंड के राजघरानों से सीखा, कि वहाँ नौकरों को घर का सदस्य मानते हैं। जब वे एक भारतीय सज्जन के घर, काफ़ी दिनों तक ठहरे थे। वहाँ से जब वे जा रहे थे, तो उन्होंने नौकरों का धन्यवाद किया। वे उनसे कहते हैं, कि वे उन्हें सेवक नहीं, अपना भाई मानते हैं।


16. खाखरा बनाने की विधि गांधी जी ने किसको, क्यों और कब सिखाई?

उत्तर: खाखरा बनाने की विधि गांधी जी ने, नौआखली पद-यात्रा के समय, अपने ही शिविर में रह रहे दो आदमियों को सिखाई थी। उन दोनों को खाखरा बनाना नहीं आता था, इसीलिए गांधी जी ने उन्हें खाखरा बनाने की विधि सिखाई।


17. आश्रम में काम कराने का गांधी जी ने कौन-सा तरीका अपनाया था?

उत्तर: गांधी जी अपने दैनिक जीवन का कार्य स्वयं करते थे। वे सुबह प्रार्थना के पश्चात चक्की पर आटा पीसते और रसोईघर में सब्जी छिलने आदि कार्य करते थे। उनका यह स्वावलंबी व्यवहार ही, सभी आश्रमवासियों को अपना-अपना कार्य करने की प्रेरणा देता था।


18. भारतीय छात्रों के द्वारा लंदन में दिए गए भोज निमंत्रण में क्या वाक्या हुआ था?

उत्तर: भारतीय छात्रों के द्वारा लंदन में दिए गए, शाकाहारी भोज निमंत्रण पर गांधी जी शामिल हुए। छात्रों ने निश्चय किया, कि भोज का खाना वे स्वयं बनाएंगे। तीसरे पहर दो बजे एक दुबला-पतला और छहरा आदमी आकर, छात्रों में शामिल हो गया। वह तश्तरियाँ धोने, सब्जी साफ करने और अन्य छुट पुट कार्य करके, उन छात्रों की मदद कर रहा था। जब बाद में नेता वहाँ आए, तब पता चला, कि यह दुबला-पतला आदमी गांधी जी स्वयं थे।


1.निम्नलिखित शब्दों के अर्थ बताये ।

नेहू - प्रेम

लख्यो - देखकर

बयारि - हवा


2.ये पंक्तियाँ किस ग्रन्थ से ली गयीं हैं ?

उत्तर: यह पंक्तियाँ तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस से ली गयीं है ।


3.राम जी को कितने वर्ष का वनवास मिला था ?

उत्तर: राम जी को चौदह वर्षों का वनवास मिला था ।


4.प्रथम सवैया में कवि ने राम - सीता के किस प्रसंग का वर्णन किया है ?

उत्तर: प्रथम सवैया में कवि तुलसीदास ने राम – सीता के वन – गमन प्रसंग का वर्णन किया है ।


5.निम्नलिखित शब्दों का एक - एक विलोम शब्द बताईये ?

कंटक- फूल

लरिका- लड़की

ठाढ़े- बैठ जाना


6.राम के आँखों से आंसू क्यों बहने लगे ?

उत्तर: सीता जी की व्याकुलता और उनके कष्ट देखकर राम जी के कोमल नैनों में आँसुओं ने जगह बना ली थी । राम जी सीता जी के पैरों को हाथ में लेकर सहलाने लगे और उनके पैरों में चुभे काँटे निकालने लगे।


7.सीता जी क्यों व्याकुल हो गयी थी ?

उत्तर: मार्ग के कष्ट देखकर सीता की आँखें भर आयी थी एवं माथे पर पसीना आ गया था और राम जी का भी कष्ट देखकर वह कुटिया और पानी के लिए व्याकुल हो गयी थी ।


8. लक्ष्मण कहाँ गये थे ?

उत्तर: लक्ष्मण , राम और सीता जी के लिए पानी की व्यवस्था करने के लिए गए थे क्योंकि नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने पर ही सीता जी पसीने से लथपथ हो गयीं थी । जल की तलाश में लक्ष्मण जी को वापस आने में देर हो गयी थी ।


9. कितने कदम चलने के बाद सीता जी व्याकुल हो उठी ?

उत्तर: घर से वन की ओर प्रस्थान करने के दो कदम बाद ही सीता जी व्याकुल हो उठी थी । उनके पैरों में कांटें चुभ गए एवं उनके होंठ प्यास से सूखने लगे और वो काफी ज्यादा थक गयीं।


10 . वन मार्गो की स्थिति क्या थी ?

उत्तर: वन मार्गों में बहुत कांटे एवं पत्थर भी थे , और मौसम भी बहुत गर्म हो रहा था । वन के मार्ग में सीता जी को अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ा जैसे वे चलते – चलते थक गईं और उनके माथे पर पसीना आने लगा। प्यास से उनके होंठ भी सूखने लगे तथा नंगे पाँव होने के कारण उनके पैरों में काँटे भी चुभ गए थे।


11 . वन के मार्ग में सीता को होने वाली कठिनाइयों के बारे में लिखो ।

उत्तर: वन के मार्ग में चलते हुए सीता थोड़ी ही देर में थक गई थी और उनके माथे पर से पसीना बहने लगा और होंठ भी सूख गए । वन के मार्ग में चलते – चलते उनके कोमल पैरों में काँटें चुभने लगे थे ।


12 . सवैया क्या होता है ? इसके बारे में बताये ।

उत्तर: सवैया एक प्रकार का छन्द है । यह चार चरणों का समपाद वर्णछंद है । वर्णिक वृत्तों में 22 से 26 अक्षर के चरण वाले जाति छन्दों को सामूहिक रूप से हिन्दी में सवैया कहते है ।


13 . सीता की आतुरता देखकर राम की क्या प्रतिक्रिया होती है ?

उत्तर: सीता जी की आतुरता राम जी से देखा नहीं जाता , उनकी ऐसी हालत और आतुरता को देखकर वो व्याकुल हो उठते हैं । सीता जी की ऐसी दशा उनसे देखी नहीं जाती और उनके आँखों से भी आँसू बहने लगते हैं । वे पछताने लगते हैं कि उनके कारण ही सीता जी की यह अवस्था हुई है ।


14. दुर्गम रास्तों पर चलने से सीता परेशान क्यों हो गई और उन्होंने क्या किया ?

उत्तर: दुर्गम रास्तों में पड़े काँटों और पत्थरों के पैरों में चुभने से सीता जी को परेशानी का सामान करना पड़ रहा था और बहुत ज्यादा गर्मी की वजह से उनका माथा पसीने से भीग गया था। वह बहुत थक चुकी थी एवं विश्राम करना चाहती थी । आखिरकार व्याकुल सीता ने परेशान होकर राम से पर्णकुटी बनाने के बारे में पूछ लिया था ।


15 . तुलसीदास ने इस सवैया में क्या व्यक्त किया है ?

उत्तर: तुलसीदास का सवैया दो भागों में निहित है | पहले भाग में उन्होंने सीता जी से समक्ष वन मार्ग में आई कठिनाइयों और उनकी व्याकुलता को व्यक्त किया है | सवैये के दूसरे भाग में सीता की व्याकुलता को देखकर खुद राम जी की आँखों में आंसू आ जाने और सीता की थकान की वजह से पेड़ के नीचे बैठकर कुछ देर तक विश्राम करने का वर्णन भी किया गया है । इस भाग में राम जी सीता जी के पैरों से काटें निकलते हैं और उनकी सहायता करते हैं । अपने प्रति राम जी का प्रेम देख कर सीता जी प्रसन्न हो जाती हैं |


16 . राम बैठकर देर तक काँटे क्यों निकालते रहे ?

उत्तर: राम जी से अपनी धर्मपत्नी की व्याकुलता देखी नहीं जा रही थी । वहीं सीता जी का प्यास के मारे बुरा हाल था प्यास के करण उनके कंठ सुख गए थे और वहीं लक्ष्मण जी भी पानी की तलाश में गए हुए थे अतः जब तक लक्ष्मण जी लौट कर आते तब तक राम जी सीता जी की व्याकुलता और कष्ट को कम करना चाहते थे , इसलिए राम बैठकर सीता जी के पैरों से काँटे निकालते रहे ।


17 . सवैया के आधार पर बताओ कि दो कदम चलने के बाद सीता का ऐसा हाल क्यों हुआ ?

उत्तर: सीता जी का जीवन उनका बचपन राजमहलों की सुख सुविधाओं में व्यतीत हुआ था । उन्हें कभी इस प्रकार के जीवन यापन के बारे में पता भी न था । अतः वन मार्ग पर प्रस्थान करने का उनका यह पहला अवसर था इसलिए अभ्यस्त न होने के कारण सीता दो कदम चलते ही पसीने से लथपथ हो गयीं और वो काफी ज्यादा थक भी गयीं।


18 . सवैये में ' धरि धीर दए ' किसके सन्दर्भ में इस्तेमाल किया गया है और क्यों ?

उत्तर: 'धरि धीर दए ' का प्रयोग सीता जी के लिए किया गया है । सीता जी वन के मार्ग पर अग्रसर होते हुए , राम का साथ देते हुए , तकलीफों को सहते हुए मन - ही - मन धीरज बँधाकर बड़े ही धैर्य के साथ कदम से कदम मिलकर वन के मार्ग पर चल रही थी । ये पंक्ति उनके अटल निश्चय और धैर्य का परिचायक है


19 . अपनी कल्पना से वन के मार्ग का वर्णन करो।

उत्तर: वन का मार्ग बहुत ही दुर्गम था एवं चारों ओर घने और ऊँचें पेड़ , कँटीली झाड़ियाँ थी और रास्ता भी बड़ा उबड़ खाबड़ था जिस पर चल पाना बहुत मुश्किल था अथवा पानी और खाने – पीने के लिए भी खोज करनी पड़ती थी । जंगली जानवरों से भी खतरा था और कुल मिलाकर कहा जाए तो वन का मार्ग पूरी तरीके से असुरक्षित था ।

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