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महत्वपूर्ण प्रश्न 
 कक्षा-6 (Mid Term) 
 Subject- हिंदी 

 1- नीले पंखों वाली चिड़िया क्या उड़ेलकर गाती है ? 
 उत्तर : नीले पंखों वाली चिड़िया रस उँडेलकर गाती है। 

2-'बचपन' पाठ के आधार पर हमारे बचपन की कुल्फी अब क्या हो गई है? 
 उत्तर : लेखिका कहती है कि अब बचपन की रूचियाँ बदल चुकी हैं।अब कुल्फी की जगह आइसक्रीम ने ले ली है। 
 3- लेखिका को प्रत्येक शनिवार को क्या पीना पड़ता था ? 
 उत्तर: हर शनिवार को लेखिका को ऑलिव ऑयल या कैस्टर ऑयल पीना पड़ता था। 

 4. लेखिका को चश्मा क्यों लगाना पड़ा? चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई क्या कहकर चिढ़ाते थे? 
 उत्तर: लेखिका को चश्मा इसलिए लगाना पड़ा क्योंकि रात में टेबल लैंप की रोशनी में काम करने से लेखिका की आँखों की रोशनी कमज़ोर हो गई थी। चश्मा लगाने पर उनके चचेरे भाई उन्हें ये कहकर चिढ़ाते थे कि- आँख पर चश्मा लगाया ताकि सूझे दूर की यह नहीं लड़की को मालूम सूरत बनी लंगूर की। 

 5. लेखिका अपने बचपन में कौन-कौन-सी चीजें मज़ा लेकर खाती थीं? उनमें से प्रमुख फलों के नाम लिखो। 
 उत्तरः लेखिका बचपन में अनारदाना का चूर्ण तथा चॉकलेट बहुत मज़े से खाती थी। उनमें से प्रमुख फलों के नाम कुछ इस प्रकार है-रसभरी, कसमल और काफ़ल। 

6- 'रस कर गा लेती है' पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। 
 उत्तर : इस पंक्ति का आशय यह है कि चिड़िया खुश होकर गाने लगती है। उसके गाने में माधुर्य है। ऐसा लगता है जैसे उसने जैसे वातावरण में रस उंडेल कर उसे रसमय कर दिया है। 

 7- श्याम को अंडा ना दिखाने पर श्याम ने केशव के साथ क्या करने को कहा था? 
 उत्तर: श्यामा और केशव के बीच सहमति हुई थी कि केशव उसे भी अंडे देखने देगा। मगर केशव ने ऐसा नहीं किया तो श्यामा आँखों में आँसू लिए केशव से बोली कि चोरी-छिपे जो काम तुम चिड़िया के लिए कर रहे हो वह सब काम वह माँ को बता देगी। 

 8- पाठ के आधार पर बताओ कि कवि ने चिड़िया को साहसी क्यों कहा है? 
उत्तर : कवि ने चिड़िया को साहसी इसलिए कहा है क्योंकि वह छोटे आकार के बावजूद उफनती हुई नदी के बीच से पानी पीने का साहसी काम करती है. 

 9- 'नादान दोस्त' नमक पाठ के लेखक का क्या नाम है?
 उत्तर : 'नादान दोस्त' नमक पाठ के लेखक का नाम मुंशी प्रेमचंद है। 

 10- हेलेन केलर ने जंगल से लौटी अपने मित्र से क्या पूछा और उसकी मित्र ने क्या उत्तर दिया? 
 उत्तर : एक बार हेलेन केलर की प्रिय मित्र जंगल में घूमने गई थी। जब वह वापस लौटी तो हेलेन केलर ने उससे जंगल के बारे में जानना चाहा तब उनकी मित्र ने जवाब दिया कि .कुछ खास तो नहीं.। यह सुनकर हेलेन को आश्चर्य इसलिए हुआ क्योंकि वे तो आँखें न होने के बावजूद भी प्रकृति की बहुत सारी चीज़ों को केवल स्पर्श से ही महसूस कर लेती हैं। 

 11- परिश्रमी व्यक्ति के लिए सागर और पर्वत क्या करते हैं? 
 उत्तर : यदि मेहनत करने वाले मिलकर कदम बढ़ाते हैं तो समुद्र भी उनके लिए रास्ता छोड़ देता है, पर्वत भी उनके समक्ष झुक जाते हैं अर्थात् आने वाली बाधाएँ स्वयं ही टल जाती हैं। 

 12- मिलकर काम करने से क्या लाभ होता है? 
 उत्तर : यदि हम मेहनत से और मिलजुलकर के काम करें तो इस संसार में कोई भी काम असंभव नहीं है। जो भी काम मेहनत और लगन से किया जाता है उसमें सफलता अवश्य मिलती है। 

 13- जिन लोगों के पास आंखें हैं वे सचमुच बहुत कम देखते हैं लेखिका को ऐसा क्यों लगता था? 
 उत्तर : हेलेन केलर को ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि लोगों की संवेदना खत्म होती जा रही है। हमारे पास जो है हम उसकी कद्र नहीं करते हैं और जो नहीं है उसे पाने की इच्छा रखते हैं। 

 14. अपने छोटे भाई को अच्छी संगति की प्रेरणा देते हुए पत्र 

 प्रिय भाई 
 सादर स्नेह। 
 आशा करता हूँ कि तुम स्वस्थ और प्रसन्न होगे।मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और आपकी प्रगति के बारे में अक्सर सोचता हूँ। आज मैं तुमसे एक महत्वपूर्ण बात साझा करना चाहता हूँ, जो तुम्हारे जीवन के लिए सहायक सिद्ध हो सकती है। यह बात है "अच्छी संगति" की। तुम जानते हो, जीवन में हम जिनके साथ समय बिताते हैं, उनका हमारे व्यक्तित्व और सोच पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि हम अच्छे और सकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ रहते हैं, तो हमारे विचार भी सकारात्मक हो जाते हैं, और हम जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ते हैं। वहीं, अगर हम गलत संगति में पड़ जाएं, तो उसका प्रभाव हमारे निर्णयों और आदतों पर पड़ सकता है, जो हमें भटकाव की ओर ले जा सकता है। 
 अतः जीवन में हमेशा उन लोगों को प्राथमिकता दो जो आपको बेहतर बनने के लिए प्रेरित करें और सही मार्ग पर चलने के लिए सहारा दें। मुझे पूरा विश्वास है कि तुम समझदारी से अपने दोस्तों का चयन करते हुए अपनी पढाई पूरे परिश्रम से करोगे और अपने जीवन को सही दिशा में ले जाओगे। 

 आपका बड़ा भाई 
 सतीश शर्मा 
 4/C- 12, आवास विकास कालोनी, 
 डी० एम० रोड, बुलंदशहर 

 15. आंखों देखी बस दुर्घटना के संबंध में पिता पुत्र के संवाद ​

 पिता – क्या हुआ बेटा! विद्यालय से आने में इतना समय क्यों लगा? 
 पुत्र – पिता जी! हमारे विद्यालय का एक छात्र सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उसको अस्पताल ले जाने में ही समय लग गया। 
 पिता – [घबराकर] वह छात्र कैसे दुर्घटनाग्रस्त हुआ? 
 पुत्र – पिता जी! वह छात्र, बस से उतार रहा था तभी एक मोटरगाड़ी ने पीछे से आकर उसे टक्कर मार दी| 
 पिता – अब कैसी तबीयत है उसकी? 
 पुत्र – वह छात्र बुरी तरह घायल हुआ है। उसके सिर और हाथ में गहरी चोटें आयी हैं। 
 पिता – बेटा ! तुम ध्यान से गाड़ी से उतरा करो। गाड़ी से उतरते समय आगे पीछे देखकर उतरना चाहिए। आजकल सड़क दुर्घटनाएँ बहुत बढ़ गयी हैं। 
 पुत्र – पिता जी ! सड़क दुर्घटनाएँ क्यों बढ़ रही हैं? 
 पिता – हम यातायात के नियमों का पालन नहीं करते हैं जिस कारण सड़क दुर्घटनाएँ बढ़ रही हैं। हमे यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए। 

 16- निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर अनुच्छेद लिखिए। 
 (1) दीपावली भारत का एक प्रमुख और लोकप्रिय त्यौहार है। यह त्यौहार हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है और अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। दीपावली को विशेष रूप से भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। दीपावली के दिन लोग अपने घरों को दीपों, मोमबत्तियों और रंग-बिरंगे रंगोली से सजाते हैं। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं और जो लोग स्वच्छता और प्रकाश का ध्यान रखते हैं, उनके घरों में सुख-समृद्धि का वास होता है। लक्ष्मी पूजन इस त्यौहार का मुख्य आकर्षण होता है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य मिलकर धन, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हैं। 

 (2) पुस्तक मेला एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आयोजन है, जो साहित्य, शिक्षा और ज्ञान के प्रचार-प्रसार का एक प्रमुख माध्यम है। यह मेले का आयोजन विशेष रूप से पुस्तकों और साहित्य प्रेमियों के लिए किया जाता है, जहां विभिन्न प्रकाशकों, लेखकों और पाठकों को एक मंच पर मिलने का अवसर मिलता है। पुस्तक मेला आमतौर पर बड़े शहरों में आयोजित किया जाता है और इसमें हर उम्र के लोग भाग लेते हैं। वर्तमान समय में डिजिटल तकनीक और इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव के बावजूद पुस्तक मेले की प्रासंगिकता कम नहीं हुई है। यह मेला पुस्तक प्रेमियों को एक साथ लाने और साहित्यिक समाज को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

 (3) गणतंत्र दिवस भारत के राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, जो हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय इतिहास में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था और भारत एक संपूर्ण गणराज्य बना। गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के राजपथ पर भव्य परेड का आयोजन होता है, जो इस दिन का मुख्य आकर्षण होता है। इसमें भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना के जवानों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों की झांकियां, स्कूलों के बच्चे और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं। परेड में भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक धरोहर और विकास की झलक देखने को मिलती है। इसके साथ ही, वीरता पुरस्कारों का वितरण भी होता है, जिसमें बहादुर सैनिकों और नागरिकों को सम्मानित किया जाता है। 

 17-अपनी बीमार दादी को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की शुभकामना देते हुए पत्र लिखिए। 

 पार्थ शर्मा 
 4/C-12, 
आवास विकास कॉलोनी, 
 डी० एम० रोड, बुलंदशहर 

 विषय : अपनी बीमार दादी को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की शुभकामना देते हुए पत्र 

 मेरी प्रिय दादी, मुझे आशा है कि आप स्वस्थ और खुश हैं। मैं यह पत्र इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि हाल ही में मैं आपकी सेहत को लेकर चिंतित हूं। मुझे पता है कि पिछले कुछ सालों से आपकी सेहत में गिरावट आ रही है, खासकर आपके गठिया, मधुमेह और हृदय समस्याओं के कारण। 
 मुझे आपके बचपन की कहानियाँ सुनना, आपके साथ मेरे पसंदीदा व्यंजन बनाना और जब आप बुनाई करती थीं, तब टीवी देखना बहुत पसंद है। आप मेरे लिए सब कुछ हैं, दादी। मुझे आशा है कि आपको पता है कि मैं आपसे कितना प्यार करता हूं और चाहता हूं कि आप स्वस्थ रहें। हॉस्टल से दूर से ही अपना सारा प्यार भेज रही हूं। कृपया अपना ख्याल रखना। 

 प्यार के साथ, 
 आपका पोता 
 पार्थ शर्मा 

 18-अनु, सु, प्रति, अप, अधि, बे, सत् उपसर्गों की सहायता से नए शब्द बनाइए। 
 (1) अनुगामी, अनुसरण, अनुकाल, अनुकुल, अनुरूप, अनुगुण, अनुकंपा, अनुग्रह, अनुपान, अनुक्षण, अनुदिन, अनुगणन, अनुशीलन, अनुपजाऊ, अनुर्वर, अनुपयोगी, अनुज, अनुभव, अनुसार, अनुयाई, अनुकृति, अन्वेषक, अनुमान, अनुवाद, अनुचर। 
 (2) सुयोग्य, सुकर्म, सुकन्या, सुकन्या, सुयश, सुदर्शन 
 (3) प्रतिभट, प्रतिवादी, प्रत्युत्तर, प्रतिघात, प्रतिदिन, प्रतिकूल, प्रतिरूप, प्रतिपालन, प्रतिष्ठान, प्रतिफल 
 (4) अपमान, अपशब्द, अपराध, अपकार, अपयश, अपकीर्ति, अपव्यय, अपवाद, अपकर्ष, अपभ्रंश 
 (5) अधिकार, अधिपति, अधिनायक, आधिक्य, अधिराज, अधिग्रहण, अधिकरण, अभिगम. 
 (6) बेतुका, बेईमान, बेघर, बेचैन, बेहोश, बेचारा, बेवक्त, बेसब्री, बेरोज़गार, बेइज़्ज़त, बेरहम, बेमिसाल, बेआबरू, बेनाम, बेढंग 
 (7) सत्चरित्र, सत्कर्म, सदाचार, सत्कार्य. 

 19-रोग मुक्त, दशानन, पंकज, राजपुरुष, नीलगाय, लंबोदर, तिरंगा शब्दों का समास विग्रह कर समास का नाम भी लिखिए। 

 उत्तर : ( 1) रोगमुक्त - रोग से मुक्त - कारक तत्पुरुष समास 
 (2) दशानन - दश + आनन (दस मुख) - बहुव्रीहि समास 
 (3) पंकज - पंक + ज (पंक में जन्मा) - द्विगु समास 
 (4) राजपुरुष - राज + पुरुष (राज का पुरुष) - द्विगु समास 
 (5) नीलगाय - नील + गाय - द्वंद्व समास 
 (6) लंबोदर - लंब (लंबा) + उदर (पेट) - बहुव्रीहि समास
 (7) तिरंगा - तिरंग (तीन रंग) + अ - द्वंद्व समास 

 20-आराध्या स्कूल बैग की तरफ से एक आकर्षक विज्ञापन तैयार करें। 

 उत्तर : 🎒✨ आराध्या स्कूल बैग: आपके बच्चे की खुशी का नया साथी! 
✨🎒 🌟 प्यारे रंगों और डिजाइन आराध्या स्कूल बैग में मिलेगें चमकदार रंग और ट्रेंडी डिजाइन जो आपके बच्चे को बनाएंगे स्कूल का सुपरस्टार! 
 💼 मजबूती और आराम इस बैग की मजबूत निर्माण और सॉफ्ट पैडिंग से हर दिन की यात्रा आरामदायक और सुरक्षित होती है। 
 🎨 खास जिपर पॉकेट्स खास ढंग से डिजाइन की गई जिपर पॉकेट्स में छुपे रहेंगे आपके बच्चे के स्कूल के सभी आवश्यक सामान, चाहे वो किताबें हों या टिफिन बॉक्स! 
 🎒 एर्गोनोमिक डिज़ाइन एर्गोनोमिक स्ट्रैप्स और बैक पैडिंग के साथ, इस बैग को पहनना बेहद आसान और आरामदायक है। 
 🌈 विविध रंगों और आकारों में उपलब्ध हर बच्चे की पसंद के अनुसार, हमारे पास है विविध रंगों और आकारों में बैग की शानदार रेंज! 
 📚 शिक्षा और आनंद का संगम आराध्या स्कूल बैग न सिर्फ आपके बच्चे के स्कूल का साथी बनेगा, बल्कि उनकी पढ़ाई में भी आनंद और उत्साह जोड़ेगा!

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