Bashir Badr in Hindi
[1]
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
[2]
कुछ तो मज़बूरियां रही होंगी,यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता.
[3]
न जी भर के देखा न कुछ बात की,बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की.
[4]
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं,पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है .
[5]
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना ,जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता.
[6]
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे,जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों.
[7]
मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला,अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला.
[8]
यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं,मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे.
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