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मिर्ज़ा ग़ालिब की फेमस शायरी हिंदी में | Mirza Ghalib

मिर्ज़ा ग़ालिब की फेमस शायरी हिंदी में

[1] 

मिर्ज़ा ग़ालिब की फेमस शायरी हिंदी में

 "हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन 
 दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है।" 

 [2] 

मिर्ज़ा ग़ालिब की फेमस शायरी हिंदी में

 "इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया, 
 वर्ना हम भी आदमी थे काम के।" 

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मिर्ज़ा ग़ालिब की फेमस शायरी हिंदी में

 "इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा, 
 लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।"

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मिर्ज़ा ग़ालिब की फेमस शायरी हिंदी में

 "उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
 वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है"

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मिर्ज़ा ग़ालिब की फेमस शायरी हिंदी में

 "इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब'
 कि लगाए न लगे और बुझाए न बने"

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मिर्ज़ा ग़ालिब की फेमस शायरी हिंदी में

 "वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है,
 कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं "

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मिर्ज़ा ग़ालिब की फेमस शायरी हिंदी में

 "बे-ख़ुदी बे-सबब नहीं 'ग़ालिब',
 कुछ तो है जिस की पर्दा-दारी है "

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मिर्ज़ा ग़ालिब की फेमस शायरी हिंदी में

 "हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद,
 जो नहीं जानते वफ़ा क्या है "

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मिर्ज़ा ग़ालिब की फेमस शायरी हिंदी में

 "हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे,
 कहते हैं कि 'ग़ालिब' का है अंदाज़-ए-बयाँ और"

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मिर्ज़ा ग़ालिब की फेमस शायरी हिंदी में

 "आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक,
 कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक "

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