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एक विचार लो, उस विचार को अपना जीवन बना लो - Swami Vivekand

 

एक विचार लो, उस विचार को अपना जीवन बना लो - Swami Vivekand

"एक विचार लो, उस विचार को अपना जीवन बना लो –

उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। 

अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों,

शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो,

और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो। 

यही सफल होने का तरीका है।" 

– स्वामी विवेकानंद



Ek Vichar Lo, Uss Vichar Ko Apna Jeewan Bana Lo -

Uske Baare Me Socho, Uske Sapne Dekho, Uss Vichar Ko Jiyo.

Apne Mind, Muscles, nerves Aur Body Ke Pratyek Part Ko 

Uss Vichar Me Doob Jaane Do.

Baaki Sabhi Thoughts Ko Kinare Rakh Do.

Yahi Safal Hone Ka Tarika Hai.

~ Swami Vivekanand



"Take up an idea, make that idea your life –

Think of him, dream of him, live that idea.

your brain, muscles, nerves,

Let every part of the body sink in that thought,

And put all other thoughts aside.

That's the way to be successful."

- Swami Vivekananda



यह एक बहुत ही कारगर कोट्स है जो की "आकर्षण के नियम" से सम्बंधित है। इस कोट्स को ध्यान में रखकर और अपनाकर आप लोग अपने जीवन को बेहतर और सफल बना सकते हैं। जीवन में वह चीज प्राप्त कर सकते हो जिसे आप चाहते हो। स्वामी विवेकानंद का कहना बिलकुल सही है कि अगर हम अपने विचारों को अपने लक्ष्य के साथ मिला दें, तो हम सफलता को ऊंचाइयों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इसके लिए हमें अपने सपनों को देखने और उन्हें पूरा करने के लिए समर्पित रहना होगा।

विचार और संकल्पना का महत्व जीवन के सभी क्षेत्रों में होता है। जब भी हम कोई चीज प्राप्त करना चाहते हैं तो सर्वप्रथम उस चीज की परिकल्पना करते हैं। अगर हमें कोई विशेष लक्ष्य प्राप्त करना है तो आपको उस कल्पना को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा, क्योंकि इस प्रक्रिया से हमारा मस्तिष्क और शरीर की हर कोशिका उस परिकल्पना के साथ संवाद करने लगती है। इससे हमारा मन और शरीर उसी लक्ष्य की ओर प्रवृत्त होते जाते हैं जिसे हम प्राप्त करना चाहते हैं और हमारे प्रयास में सफलता मिलने की संभावना प्रबल हो जाती है।

स्वामी विवेकानंद के इस विचार के अनुसार, हमें अपने अपने किसी एक विचार को प्रबल बनाने के लिए बाकी सभी अनावश्यक विचारों को त्यागना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें नकारात्मकता को छोड़ना होगा। 

स्वामी विवेकानंद के इस विचार को अपनाकर हम अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में उच्चतम स्तर की सफलता को प्राप्त कर सकते हैं। हमें अपने सपनों को अपने जीवन का माध्यम बनाने के लिए सपने देखना चाहिए और उन्हें साकार करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए। इससे हमारा मन और शरीर संयुक्त होते हैं, और हमें  अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ाते हैं।


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