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 17 सितंबर 2024 आज आपके हाथों से बना घी मैने भी खाया, उसकी खुशबू से मन महक उठा। वैसे आपको इतना कष्ट करना नहीं चाहिए था। लेकिन ये अफसोस भी लगातार मुझे सालता रहा कि आप दरवाजे तक आए लेकिन घर नहीं आए। पता नहीं उस वक्त हम अभागे कहां थे...? वर्ना आपको हम ऐसे जाने ना देते। धन्य हो जाता ये घर और हम, अगर आपके चरण कमल यहां पड़ते! इस बहाने 10 _20 मिनट की यादगार गुफ्तगू भी होती....। खैर, इस कष्ट के लिए आपको कोटि कोटि धन्यवाद।    21 सितंबर 2024 मेरी वजह से आप न कभी झुकोगे और न ही कभी गिराेगे! गिरने न देंगे किसी की नजरों में और न ही किसी के कदमों में। ये वादा है मेरा! न मैं कभी आपका हाथ छोड़ेंगे, बस शर्त इतनी है कि तुम अपना हाथ न छुड़ाना। अब यही हसरत है कि जितनी जिंदगी बची है आपके आसपास ही गुजर जाए। कभी आपसे आपकी शिकायत करूं, कभी दिल की बैचैनियां कहूं, कभी तुम्हारी तारीफ करूं....। कभी अपनी आंखों से निहारो तुम, कभी पलकों को झुका लो तुम। चलो कुछ फुर्सत के क्षण जी लेते हैं। 26 सितंबर 2024 किस किस बात का विरोध करूं? क्या इस बात का विरोध करूं कि तुम हर तीसरे दिन मुझे ब्लॉक क्यों कर देते हो,...